लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान में खराब हुई एमआरआई मशीन ठीक हो गयी है। सोमवार से यह मरीजों की जांच के लिए शुरु हो जाएगी। लगभग 16 दिन पहले एमआरआई मशीन में कैबिनेट मंत्री की जांच के दौरान उनके गनर की पिस्टल मैग्नेटिंग रेंज में आकर चिपक गयी थी। मशीन की मरम्मत में लगभग 52 लाख रुपये आयी है।
लोहिया संस्थान में इलाज करा रहे कैबिनेट मंत्री की एमआरआई जांच के दौरान उनके गनर की पिस्टल जाकर मशीन में चिपक गयी थी। पिस्टल मैग्नेटिक रेंज में आने के कारण नहीं पा रही थी। इसके बाद मशीन की मैग्नेटिक रेंज को समाप्त करने के लिए उसमें भरी हीलियम गैस को निकाला गया आैर तब जाकर पिस्टल निकल पायी थी। लोहिया संस्थान ने यह पिस्टल पुलिस को जमा करा दिया था। इसके बाद हीलियम गैस को निकाला गया। मुम्बई से मंगा कर हीलियम गैस को भरा गया।
निदेशक डा. दीपक मालवीय का कहना है कि एमआआई मशीन का ट्रायल लिया जा रहा है। सोमवार से मरीजों की एमआरआई जांच शुरु करा दी जाएगी। बताया जाता है कि अब एमआरआई जांच कराने से पहले जांच के कड़े नियम बना रहा है कि एमआरआई मशीन के कमरे में कोई बिना जांच के पहुंच ही नही पाये। फिलहाल मशीन की मरम्मत कराने में आया खर्च 52 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है, लेकिन इस बजट की भरपाई कौन करेगा अभी यह कोई निर्णय नहीं हो पाया है।