लखनऊ। पीजीआई का मालीक्यूलर मेडिसिन विभाग जल्द ही मास्टर इन मॉलीक्यूलर मेडिसिन पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र में पीजी करने वाले छात्र दाखिला ले सकेंगे। विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। ये जानकारी केन्द्र सरकार के साइंस एंड टेक्नोलाजी मंत्रालय द्वारा संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में मॉलीक्यूलर मेडिसिन विभाग की प्रमुख स्वाती तिवारी ने दी।
डॉ. स्वाती तिवारी ने बताया कि दिल, कैंसर, तंत्रिका तंत्र, गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु में होने वाली तमाम तरह की दिक्कतों के साथ कई अन्य बीमारियों की जांच हेतु नवीन तकनीकि स्थापित की जा रही है। ताकि इनकी जांचें पीजीआई में जल्द शुरू की जा सकें। कई जांचें स्थापित की जा चुकी हैं। संगोष्ठी में करीब 150 से देशों के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। यहां पर पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि संस्थान के मालीक्यूलर मेडिसिन विभाग को आइसीएमआर सेंटर आफ एक्सीलेंस घोषित किया है।
निदेशक ने बीमारियों की रोकथाम के प्रति और वैज्ञानिक प्रयासों की आवश्यकता को प्रोत्साहित किया। संगोष्ठी में यूएसए की डॉ. कैरोलिन इसेलबर्गर, पीजीआई के डीन डॉ. एसके मिश्रा, डॉ. एमएम गोडबोले और डॉ. अमित गुप्ता, मंसौरा की डॉ. मैग्डी अब्देलाल आदि ने व्याख्यान दिया।
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