मच्छरों, मृत कौओं के सैम्पल से पता करेंगे वेस्ट नाइल विषाणु का रुाोत

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न्यूज। वेस्ट नाइल विषाणु कहां से आ रहे है। इसका रुाोत का पता लगाने के लिए मच्छरों एवं मृत कौओं के नमूने अलाप्पुझा के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनाईवी) भेजे गए हैं। बताते चले कि इस वायरस ने केरल के मल्लपुरम जिले में छह साल के बच्चे की जान ले ली थी। इस वायरस के बारे में अभी कम जान वेस्ट नाइल बुखार मच्छर जनित पशुजन्य (जूनोटिक) बीमारी है आैर उन विषाणुओं से जुड़ा है, जिनसे जापानी बुखार इंसेफलाइटिस, पीत ज्वर (यलो फीवर) आैर सेंट लुई इंसेफलाइटिस होता है।

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वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्यों में यह मच्छर के काटने से फैलता है। मच्छरों में यह विषाणु संक्रमित पक्षियों से पहुंचता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”मनुष्यों में संक्रमण अक्सर संक्रमित मच्छरों से फैलता है। अब तक वेस्ट नाइल वायरस के किसी मनुष्य के मनुष्य से संपर्क के कारण फैलने के प्रमाण नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा, ”वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित करीब 80 प्रतिशत लोगों में संक्रमण के या तो कोई लक्षण नहीं होते या इस संक्रमण के चलते वेस्ट नाइल बुखार या गंभीर वेस्ट नाइल बीमारी होती है।”

जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि वेक्टर नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने मल्लपुरम जिले के वेन्नियूर में विभिन्न स्थानों से मच्छरों के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे हैं। अधिकारी ने बताया, ”इसके अलावा वेन्नियूर में या उसके आस-पास मृत मिले चार कौओं के अवशेषों को भी जांच के लिए एनआईवी, अलाप्पुझा भेजा गया है।”

सरकारी अधिकारी ने कहा, ”मल्लपुरम में पशुपालन विभाग प्रयोगशाला के अधिकारियों ने मृत कौओं का मस्तिष्क, जिगर एवं गुर्दा निकालने के लिए पोस्टमार्टम किया आैर फिर जांच के लिए भेज दिया।”
अधिकारी ने कहा कि जांच परिणामों की इंतजार किया जा रहा है।

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