लोहिया अस्पताल में दवा खरीद में हुई गड़बड़ी

0
454

लखनऊ। डा. राममनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में दवाओं की खरीद में गड़बड़ी की गयी थी। गड़बड़ी को दबाने के प्रयास के साथ ही जिम्मेदार लोगों पर भी ठोस कार्रवाई न करके लीपापोती कर दी गयी । अब दवाओं की खरीद की जांच कर रहे अधिकारी ने भी गड़बड़ी की पुष्टि करते हुए दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कहा गया है। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य का कहना है कि मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

Advertisement

लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में दवा खरीद के नाम पर हुए घपले की जांच कर रहे स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (सीएचसी) डा. रुकुम केश ने अपनी रिपोर्ट महानिदेशक स्वास्थ्य को सौंप दी है। बताया जाता है कि रिपोर्ट में दवा खरीद में गड़बड़ी की पुष्टि की गयी है। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि खरीद में चिकित्सालय के निदेशक डा. डीएस नेगी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. एमएल भार्गव, चीफ फार्मासिस्ट अशोक कुमार चौधरी शामिल थे। मामला पकड़ में आने के बाद चिकित्सालय के निदेशक ने संबंधित फर्म से रिकवरी से करते हुए 39673 रुपये राजकीय कोष में जमा कराए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इस मामले का खुलासा नहीं होता तो भविष्य में लाखों रुपयों की राजकीय क्षति हो सकती थी।

गड़बड़ी को दबाने के लिए सिर्फ फार्मासिस्ट का पटल परिवर्तन कर दिया गया और प्रभारी भंडार को चेतावनी दी गई है।यहां चिकित्सा अधिकारी 15 साल से कार्यरत हैं और वर्ष 2016 से नियमित खरीद करते रहे हैं। इन्हें संबंधित कार्य का पूर्ण ज्ञान है। फिर भी फार्मासिस्ट को तवज्जों दी गयी। जांच में अस्पताल के निदेशक डा. डीएस नेगी के बारेमें लिखा है कि उनके सामने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने जो प्रपत्र रखे, उस पर हस्ताक्षर कर दिया गया। अस्पताल का अध्यक्ष होने के नाते हर पत्र को पढ़कर हस्ताक्षर करना संभव नहीं होता है। जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हैकि इस मामले में किसी न किसी रूप में निदेशक और फार्मासिस्ट को बचाते हुए वरिष्ठ चिकित्साधिकारी को जिम्मेदार माना गया है। इस मामले में अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।

जांच अधिकारी ने यह भी लिखा है कि कंपनी दवा आपूर्ति करने वाली कंपनी एचआर फार्मास्यिूटिकल के अलग-अलग पते हैं, लेकिन दोनों फर्म एक ही प्रोपराइटर के है। एक में दवा की दुकान का पता है और दूसरे में बैंक का है। क्रय आदेश गलत नाम से जारी किया गया। उन्हें प्रपत्रों को देखकर हस्ताक्षर करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दूसरी तरफ फर्मो द्वारा विभाग को गुमराह कर उच्च दरों पर दवा आपूर्ति की गई। ऐसे में संबंधित फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न होने पाए।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleबाहर कोचिंग सेंटर का बैनर, अंदर अस्पताल
Next article24 घंटे में स्टाफ भर्ती कर वेंटीलेटर चलाने का निर्देश

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here