कुम्भ मेले में उपलब्ध होगी उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा, स्वच्छता पर होगा ध्यान

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न्यूज डेस्क – कुम्भ मेला 2019 को स्वच्छता की मिशाल बनाते हुए इसे दिव्य और भव्य के साथ स्वच्छ कुम्भ के लक्ष्य से भी जोड़ना है और वर्ड ग्रुप आफ गिनीज तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनिसेफ के पैमानों पर दुनिया का सर्वश्रेष्ठ आयोजन साबित करना है। कुम्भ आयोजन की स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी तैयारियों को देखने के बाद उ.प्र. के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह बात कही।

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चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री कुम्भ मेला की समीक्षा बैठक में मण्डलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में मेला प्रशासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम की कुम्भ सम्बन्धित तैयारियों का जायजा ले रहे थे। इसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री की समीक्षा बैठक में भाजपा महानगर अध्यक्ष अवधेश चन्द्र गुप्ता के साथ मण्डलायुक्त इलाहाबाद डॉ. आशीष कुमार गोयल, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द, डीआईजी कुम्भ मेला के.पी. सिंह, जिलाधिकारी सुहास एल.वाई., स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुम्भ मेला के लिए नियुक्त स्वच्छता सलाहकार श्रीमती सलोनी गोयल, नगर आयुक्त अविनाश सिंह के अलावा कुम्भ से सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री ने अधिकारियों की तैयारी देखकर उनकी लगन और एकजुटता की तारीफ की और यह कहा कि मण्डलायुक्त और मेलाधिकारी के नेतृत्व में एक बडी सशक्त टीम रात दिन एक करके काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बरसात के लम्बे अन्तराल के बावजूद मेले के सभी कार्य तय समय में पूरे होंगे।

स्वास्थ्य विभाग की स्वच्छता सम्बन्धी सलाहकार श्रीमती सलोनी गोयल को उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया कि वे मेले के प्रारम्भ में ही सफाई कर्मियों के सम्मान में एक बड़ा आयोजन करे तथा मेले के दौरान भी उनका मनोबल बढाने के लिए उन्हे पुरस्कृत करने के दस से अधिक आयोजनों की रूपरेखा तत्काल तैयार करवायें। इस बार मेले में शौचालयों और सफाई व्यवस्था के व्यापक इंतेजाम किये जायेंगे तथा मेला क्षेत्र को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त रखने का प्रयास किया जायेगा। स्वास्थ्य सम्बन्धित व्यवस्थाओ के बारे में मंत्री को बताया गया कि लगभग 750 बेड विभिन्न स्थलों पर स्थापित 35 चिकित्सालयों में उपलब्ध रहेंगे। इसके लिए 2150 से भी अधिक चिकित्सकों की सेवायें ली जायेगी तथा मेला क्षेत्र के बाहर के निजी अस्पताल भी अभी से आयोजन की दृष्टि से तैयार किये जा रहे है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रस्तुतीकरण में मंत्री को बताया गया कि इस बार वर्ष 2013 के सापेक्ष बहुत अधिक संख्या में व्यवस्थायें की जा रही है।वर्ष 2013 में लगभग साढे चार लाख व्यक्तियों का ओपीडी में इलाज किया गया था। इस बार कुम्भ में लगभग छः लाख व्यक्तियों के इलाज की तैयारी की जा रही है। मेला की चिकित्सा व्यवस्था साढ़े पांच हजार व्यक्तियों को इस बार भर्ती करके इलाज करने की तैयारी कर चुकी है। मंत्री को बताया गया कि मेला क्षेत्र के अलावा नगर के सभी प्रमुख अस्पतालों, यथा मेडिकल कालेज, टीबी सप्रू अस्पताल आदि को अत्याधुनिक चिकित्सा संसाधनों से अपटेड किया गया है और इसी तर्ज पर समीपवर्ती क्षेत्रों के प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों को भी आधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है। मंत्री जी के इस सवाल पर कि इसके लिए जरूरी चिकित्सक कब आयेंगे, उन्हें अवगत कराया गया कि चिकित्सकों को हर हाल में अक्टूबर में ड्यूटी पर आना अनिवार्य कर दिया गया है।

बैठक में मंत्री के सामने स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोटराइज रिवर एम्बुलेंस की व्यवस्था का प्रस्ताव किये जाने की जानकारी दी गयी जिसमें आधुनिक लाइफ स्पोर्ट सिस्टम के साथ पूरी तरह उपकरणों से लैस व्यवस्था होगी। इसी तरह एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी आवश्यकतानुसार उपलब्ध रखने की व्यवस्था बतायी गयी ताकि आवश्यकता पड़ने पर मेला के चिकित्सा क्षेत्र को बडे अस्पतालों से जोडा जा सके। मण्डलायुक्त डॉ. आशीष गोयल ने बताया कि मेला क्षेत्र में हर दो सेक्टरों के बीच में एक सर्किल हास्पिटल स्थापित किया जायेगा तथा सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या मे एम्बुलेंस उपलब्ध रहेगी। मेला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 150 रोड एम्बुलेंस, 4 ए.एल.एस. एम्बुलेंस, 05 रिवर एम्बुलेंस तथा मोटरबोट की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।

मा. मंत्री जी ने दवाओं का विवरण देखते हुए कहा कि निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा मे दवाओं की उपलब्धता रखी जाय तथा पीने के पानी के स्वच्छ पानी की व्यवस्था भी अधिकाधिक मात्रा मे की जाय।
प्रस्तुतीकरण में मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने मंत्री जी को यह जानकारी दी गयी कि इस कुम्भ में दृष्टि सम्बन्धी चिकित्सा सेवाओं का एक वृहद आयोजन करते हुए आने वाले यात्रियों को उनकी आवश्यकतानुसार न केवल आई सर्जरी की अत्याधुनिक व्यवस्था की जायेगी बल्कि एक लाख से अधिक लोगों को चश्में वितरत किये जाने की व्यवस्था भी की जा रही है।

गत माघ मेला की व्यवस्था को कुम्भ मेला के हर सेक्टर में कारगर करते हुए ठोस कचरा डस्टबिनों से टाटा एस गाडियों और काम्पप्रेक्टरों के द्वारा सामान्य दिनों में तीन बार उठाकर मेला क्षेत्र के बाहर किया जायेगा। इसके लिए मेला क्षेत्र में 12000 और सडकों के किनारे 8000 से अधिक डस्टबिनें रखी जायेगी, जो सामान्य दिनों में तीन बार खाली की जायेंगी। इसी प्रकार तरल कचरे के प्रबन्धन के लिए जीरो डिस्चार्ज शौचालय तथा उनके प्रबन्धन की व्यवस्था की जा रही है। ख् मेले में 12000 से अधिक फाइवर शौचालयों के साथ इस बार 40 हजार से अधिक कनात के शौचालय लगाये जायेंगे। ज्ञातव्य है कि पिछले कुम्भ 2013 में केवल 30 हजार शौचालय ही स्थापित किये गये थे। जबकि इस कुम्भ में 40 हजार से अधिक शौचालय केवल कैम्पों में लगाये जाने है तथा अवशेष मेले के विभिन्न मार्गों एवं अन्य स्थानों पर लगाये जाने है।

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