लखनऊ। तमाम दावों के बावजूद किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन के कुछ अधिकारियों की मिली भगत के कारण चार महीने पहले ब्लैक लिस्ट की गयी मिश्रा सिक्योरिटी की सेवाएं ली जा रही है, जबकि मरीज की तीमारदार महिला से बलात्कार के बाद पूरी एजेंसी को ही ब्लैक लिस्ट करने का निर्देश दिया गया था। शुक्रवार को हुए सफाई कर्मियों के हंगामे के बाद पता चला कि एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की बजाय आदेश को दरकिनार कर काम लिया जा रहा है आैर भुगतान भी किया जा रहा है। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार ने बताया कि एजेंसी के सुरक्षा गार्ड को ब्लैक लिस्ट किया गया है, अन्य काम लिया जा रहा है।
केजीएमयू में शताब्दी अस्पताल में महिला तीमारदार से सुरक्षा गार्डो द्वारा बलात्कार की घटना के बाद अपने दामन पर लगे दाग को हटाने के लिए निर्णय लिया गया था कि मिश्रा सिक्योरिटी एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए। इसके लिए निर्देश भी दिये गये थे। सुरक्षा गार्ड के हटाने के अलावा अन्य तैनात कर्मियों की शिकायत भी मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया था। इइके बाद केजीएमयू प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने निर्देश को तोड़ना मोड़ना शुरू कर दिया आैर सुरक्षा गार्डो को तो हटाने के लिए कह दिया गया, लेकिन अंदर तक पैठ बनाये एजेंसी के अन्य कामों को नहीं रोका गया।
बल्कि यह कह दिया गया है कि तैनात कर्मी एजेंसी का लोगों का नहीं लगा कर काम करेंगे। इस एजेंसी के लगभग दो सौ से ज्यादा कर्मी विभिन्न पदों पर तैनात है। इसमें कुछ स्थानों पर सुरक्षा गार्ड भी तैनात बताये जाते है। बाकायदा इसकी जानकारी केजीएमयू प्रशासन को भी है लेकिन अभी तक अधिकारियों की मिली भगत से एजेंसी को पूरी तरह से ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है।