लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक सुरेश रावत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि बैठक का मुख्य एजेंडा 6 जुलाई 2017 को मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के समस्त अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया कि 50 वर्ष पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कराकर अक्षम हुए कर्मियों को तीन माह की नोटिस देकर सेवानिवृत्त कर दिया जाये। बैठक में उपस्थित पदाधिकारियो ने इसपर गहरा रोष व्यक्त किया कि वर्तमान सरकार का रवैया कर्मचारियों के साथ अत्यंत खेदजनक है , जबकि कर्मचारियों को इस सरकार से काफी आशाएं थी वो निराशा में बदल गयी है और इस तरह के कृत्य से स्पष्ट होता है कि सरकार कर्मचारियों को कमजोर मानकर आंदोलन करने के लिए विवश कर रही है ।
सरकार के गठन हुए 100 दिन के ऊपर होगये लेकिन नुकसान के अलावा सरकार ने कुछ नही किया । सरकार गठन के बाद 07वे वेतन आयोग का एरियर 2017 के बजाए 2018 में देने का आदेश कर दिया , डी ए के एरियर का भुगतान अभी तक नही हुआ, नियमित नियुक्तियों पर रोक लगा दी गयी , छठे वेतन आयोग की विसंगतियों की रिपोर्ट तैयार होकर 02 माह से रखी है जिसपर मुख्यमंत्री जी द्वारा समय नही दिया गया। जनपदों में कार्यरत कर्मियों के साथ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही हो रही है। परिषद के महामंत्री श्री मिश्र ने कहा कि कर्मचारियों व पदाधिकारियो में इस आदेश पर काफी रोष है और इन सभी समस्याओं को लेकर जुलाई के अंतिम सप्ताह में परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आहूत की जा रही है ।
तब तक इन विषयों पर सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय नही लिया गया तो प्रदेश के समस्त कर्मी अगस्त माह में बड़े आंदोलन का निर्णय लेने के लिए मजबूर होंगे। परिषद के द्वय नेताओ ने मा मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से मांग की है कि परिषद की बहुत पुरानी मांग रही है कि ऐसे कर्मचारी जो अपनी सेवा देने में अक्षम हो रहे है बढ़ती उम्र या स्वास्थय कारणों से (उदाहरणार्थ र्ड्राइवर , डाकिया, लाइनमैन, फील्ड कर्मी आदि) उनको वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य कार्यो पर लगाया जाए या वी आर एस सुविधा प्रदान करते हुए उनके स्थान पर उनके आश्रित को योग्यता अनुसार मृतक आश्रित की भांति सेवा का अवसर प्रदान किया जाए । इससे नियुक्तियों में भ्रष्टाचार कम होगा , कार्यप्रणाली में सुधार होगा और कर्मी के परिवार के सामने कोई समस्या उत्पन्न नही होगी और वह अपनी परिवार के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वहन भी कर पायेगा। यदि सरकार की मंशा साफ है और विकास को तीव्र गति देना चाहती है तो इस बिंदु पर विचार करे।
बैठक में मुख्य रूप से के के सचान संगठन प्रमुख परिषद एवं महामंत्री डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसो, गिरीश चन्द्र मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष परिषद एवं महामंत्री रोडवेज़ कर्मचारी संयुक्त परिषद , मनोज राय अध्यक्ष गन्ना पर्यवेक्षक संघ , आशीष पांडेय महामंत्री वन विभाग फेडरेशन ,सुनील यादव अध्यक्ष डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ, डा. पीके सिंह सांख्यिकी सेवा संघ , सर्वेश पाटिल अध्यक्ष ऑप्टोमेट्रिस्ट एसो, कमल श्रीवास्तव सचिव एल टी एसो, उमेश राव अध्यक्ष ट्यूबवेल टेक्निकल एसो, अवधेश मिश्रा महामंत्री सिचाई संघ, विजय किशोर मिश्रा अध्यक्ष राजस्व अधिकारी संघ, बी एन मिश्रा अध्यक्ष समाज कल्याण कर्मचारी संघ, सुभाष श्रीवास्तव जिला अध्यक्ष ,राजेश कुमार , सुनील यादव मीडिया प्रभारी परिषद आदि पदाधिकारी उपस्थित थे ।