कैसा हो मिल्क बैंक प्रबधंन, दी जानकारी

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लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में प्रदेश के पहले सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र (सीएलएमसी) शुरू करने से पहले (पूर्व की ट्रेनिंग) कार्यशाला का आयोजन को चिकित्सा विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में किया गया। जल्द ही सीएलएमसी को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के पंचम तल पर स्थापित किया जाएगा तथा इसका ब्रोस्ट फीडिंग एंड क्लेकशन सेंटर क्वीनमेरी अस्पताल में स्थापित किया जा रहा है

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इसका उद्घाटन चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भटट् ने करते हुए कहा कि सीएलएमसी मिल्क बैंक की स्थापना किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि यह माताओं एवं बच्चों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह सम्मलित प्रयास से पूर्ण होने वाला कार्य है। इसके साथ ही उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि इस कार्य को जल्दी ही पूरा किए जाने को लेकर जो भी दिक्कते आएगी। उसे तत्काल दूर किया जाएगा। इसको विश्वस्तरीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

माइक्रोबायलॉजी विभाग की डॉ. शीतल वर्मा ने बताया कि प्रदेश के इस प्रथम मिल्क बैंक के लिए 13 लेक्टेशन काउंसलर , सीएलएमसी मैनेजर, टेक्नीशियन को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि सीएलएमसी चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर के पंचम तल पर स्थापित किया जाएगा तथा इसका ब्रोस्ट फीडिंग एंड क्लेकशन सेंटर क्वीनमेरी अस्पताल में स्थापित किया जा रहा है। इससे लगभग एक वर्ष में 15-20 हजार माताओं को स्तनपान कराने में सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर बाल विभाग की डॉ. शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि इस मिल्क बैंक की स्थापना के लिए पाथ संस्था इसमें तकनीकि सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल देश में 60 मिल्क बैंक है, लेकिन प्रदेश का यह पहला मिल्क बैंक होगा। इसकी वित्तीय सहायता भारत सरकार, नेशनल हेल्थ मिशन के द्वारा प्रदान की जा रही है।

इसके द्वारा सभी माताओं को पूर्ण रूप से स्तनपान कराने के लिए सहायता की जाएगी तथा जिन बीमार तथा जरूरतमंद शिशुओं को किसी कारणवश मां का दूध नहीं मिल पाता है उन्हें मां का दूध इस मिल्क बैंक के द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

इस अवसर पर पाथ संस्था से उपस्थित हुए विशेषज्ञ डॉ. रूचिका सचदेवा, डॉ. प्रवीन, डॉ. आयशा खान तथा डॉ. परमिता कुंडू ने केजीएमयू बाल विभाग की डॉ माला कुमार,, डॉ. एसएन सिंह, डॉ. शालिनी त्रिपाठी, स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. विनीता दान, डॉ. रेनू, माइक्रोबायलॉजी विभाग की डॉ. अमिता जैन, डॉ. शीतल वर्मा तथा सीएलएमसी के कर्मचारी, नर्सेज एवं दोनों विभागों के चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया।

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