लखनऊ। स्तन कैंसर की सर्जरी कराना अब आसान हो गया है। हार्मोनिक स्कैपल तकनीक कै सर फैलाने वाले कोशिकाओं को अंदर ही जला दिया जाता है। इस तकनीक को इलेक्ट्रो सर्जरी कहा जाता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय जनरल सर्जरी विभाग प्रमुख प्रो, अभिनव अरुण सोनकर ने पत्रकार वार्ता में दी। बुधवार को वह सर्जरी विभाग के107वें स्थापना दिवस पर आयोजित सर्जिकल अपडेट कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे।
डा. सोनकर ने बताया कि स्तaन में गांठ मिलने के बाद इलाज शुरू कर दिया जाता है। अगर जांच में सर्जरी की आवश्यकता होती है तो हार्मोनिक स्कैपल तकनीक से सर्जरी की जाती है। इसमें कैंसर को शिकाओं का टारगेट करके अंदर जला दिया जाता है। इससे सर्जरी से होने वाली दिक्कतों से निजात मिल जाती है। उन्होंने बताया कि
सर्जरी के क्षेत्र में नयी तकनीक की काफी छोटी- छोटी डिवाइस आ गई हैं। इससे सर्जरी में समय कम तो लगता ही है साथ ही और घाव भी जल्दी भर जाता है।
थायराइड की इंडोस्कोपिक थायराइड सर्जरी की जा रही है। इसमेंं मुंह से प्रभावित हिस्से में पहुंचते हैं और वहां के कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर में खास बात यह होती है कि जल्दी पहचान में आने के बाद खत्म होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डा. विजय कुमार ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी तकनीक से कैंसर पीडित महिलाओं के सौंदर्य ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर ब्रोस्ट कैंसर के कारण किसी महिला का स्तन काटना पड़ जाता है तो उसे पीठ के मांस से दोबारा उसी स्थिति लौटाया जा सकता है। लाया जासकता है। इसी तरह कैंसर में भी चेहरे पर गाल का कोई भाग निकाल दिया जाए। प्लास्टिक सर्जरी में सबसे ज्यादा सीने की मांसपेशियां सबसे बेहतर होती हैं।
डा. कुलरंजन सिंह ने बताया कि थायराइड (घेंघा) से पीड़ित मरीजोंं में करीब पांच से 10 फीसदी मेंं कैंसर पाया जाता है। लेकिन हर गांठ कैंसर नहींं होती है। यदि गलेमें सूजन, गांठ महसूस हो अथवा आवाज बदलने लगे या सांस लेने मेंं दिक्कत हो तो तत्काल जांच करानी चाहिए। यदि गांठ अचानक बढ़ रही हो तो गंभीर मसला है।अल्ट्रासाउंड कराने पर उसकी स्थिति की जानकारी मिल जाती है।
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