इस कारण बढ़ रही है लिवर डिजीज

0
562

लखनऊ । बदलते परिवेश में लिवर की बीमारियां बढ़ रही है। हेपटाइटिस बी, सी मोटापे के कारण के अलावा अल्कोहल से लिवर की बीमारियां बढ़ रही है। वायरल हेपेटाइटिस के साथ लिवर सिरोसिस के भी केस लगातार बढ रहे है। इसका इस बात से लगाया जा सकता है कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की एक ओपीडी में 350 से लेकर चार सौ तक हो जाती है। इनमें लिवर की सामान्य बीमारियों के अलावा हेपेटाइटिस बी,सी, सिरोसिस के अलावा कैंसर के मरीज भी होते है। बढ़ते मरीजों के कारण केजीएमयू का गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग लिवर की बीमारियों पर शोध करने जा रहा है।

Advertisement

यह जानकारी गैस्ट्रोइंट्रालॉजी विभाग के वरिष्ठ व विशेषज्ञ डा. अमित रूगंटा ने देते हुए बताया कि लाइफ स्टाइल के कारण लिवर की बीमारियंा भी बढ़ रही है। शुरू आती दौर में ध्यान न देने के कारण लिवर की बीमारी सेकेंड स्टेज में पहुंच जाती है तो मरीज इलाज के लिए पहुंचता है। उन्होंने बताया कि अगर ओपीडी को ही देखा जाए तो सप्ताह में दो अोपीडी होती है। इनमें लिवर सात से आठ सौ तक मरीज पहुंच जाते है। इनमें ज्यादातर गैस, बदहजमी या अपच की दिक्कत लिए होते है, लेकिन इनमें लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस बी व सी के मरीज भी होते है। इसके अलावा शराब का सेवन करने के कारण भी लिवर के मरीज काफी होते है। उन्होंने बताया कि अब मोटापे के कारण भी लिवर की बीमारियों के मरीज बढ़ रहे है। डा. रूगंटा ने बताया कि लिवर में आमतौर पर सबसे पहले इस्टैटोसिस बीमारी होती है। इसके बाद इफ्लेमैशन व फाइब्राोसिस होने के बाद लिवर सिरोसिस हो जाती है।

उन्होंने बताया कि अगर मरीजों की संख्या को देखा जाए तो वर्ष 2017 में हेपेटाइटिस बी के चार से ज्यादा,सी के तीन सौ के करीब तथा मोटापे ( नेश) के कारण चार सौ पचास से ज्यादा मरीज आ रहे है। इसके अलावा अल्कोहल के कारण लिवर की बीमारियों के मरीज लिवर सिरोसिस हेाने के बाद ही आते है। अगर लिवर फैटी होने के बाद जांच की पुष्टि होने के बाद इलाज कराये तो हालत में सुधार आ सकता है। उन्होंने बताया कि हिपैटोटटिक्स लिवर डिजीज के मरीज भी आ रहे है। यह बिना परामर्श के लम्बे समय तक दवाओं का सेवन करने के कारण होती है। इसके साथ ही वायरल हेपेटाइटिस भी आ रहे है। यह असुरक्षित यौन सम्बध, गलत प्रयोग की सीरींज के कारण अक्सर होता है। उन्होंने बताया कि इसमें पीलिया के लक्षण के साथ कमजोरी होते है, जबतक इसकी जांच में पुष्टि होती है, तब तक बीमारी जटिल हो जाती है।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleबाल अपराध मे यूपी की हालत ….
Next articleएक करोड़ से भी अधिक लोगो को लाभ पहुँचा चुकी 108 एम्बुलेंस सेवा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here