घुटना प्रत्यारोपण नहीं कराना चाहते, यह उपकरण बनेगा मददगार

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लखनऊ, अगर आप आस्टियोआर्थराइटिस से परेशान है और इलाज करते-करते थक गए हैं। छड़ी लेकर चलने में भी असहज महसूस करते हैं और डॉक्टरों ने घुटना प्रत्यारोपण करने की सलाह दे दी है तो आप उसे भी नहीं कराना चाहते हैं, तो उसके लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिंब सेंटर की कृत्रिम अंग निर्माण कार्यशाला ने एक आर्थराइटिस नी ब्रेस का निर्माण किया है, आम मरीजों के प्रयोग के लिए इसका शुल्क भी बहुत कम यानी कि मात्र ₹1000 रखा गया है, कार्यशाला प्रबंधक अरविंद निगम बताते हैं कि मल्टीनेशनल कंपनियां इसी प्रकार के सहायक उपकरण को 15 से ₹20000 में निर्माण करती हैं।

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एक गरीब मरीज इसको खरीदने में असमर्थ होता है और वह ना ही घुटना प्रत्यारोपण कराने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम होता है। ऐसे में उसके पास छड़ी लेकर चलना ही एकमात्र उपाय होता है कई लोग तो छड़ी लेकर चलने में भी दिक्कत करते हैं। ऐसे में यह सहायक उपकरण उनके लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने बताया मल्टीनेशनल कंपनियों में बनने वाले सहायक उपकरणों को देखने के बाद उन्होंने इस सहायक उपकरण को बनाने का विचार किया। विभाग प्रमुख डॉ अनिल कुमार गुप्ता के निर्देशन में सहायक उपकरण का निर्माण कार्य शुरू किया गया डिजाइनिंग व अन्य काफी चीजें देखने के बाद स्कोर बनाया गया और कई मरीजों पर प्रयोग किया गया।

प्रयोग सफल रहा ऑस्टियो आर्थराइटिस के मरीज मरीज इसको पहनने के बाद चलने में काफी सहज महसूस करते हैं। उन्होंने बताया अगर इसका लगातार सही ढंग से प्रयोग किया जाए तो लंबे समय तक घुटना प्रत्यारोपण से बचा जा सकता है। अरविंद निगम का कहना है यह उपकरण सेंटर में मरीज के ओपीडी में दिखाने के बाद डॉक्टरों के परामर्श पर तैयार किया जाएगा।

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