दोबारा हो सकती है सर्जिकल स्ट्राइक …

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लखनऊ। इंडियन आर्मी की क्षमता किसी से कम नहीं आंकी जा सकती है अगर आवश्यकता हुई तो सेना के जांबाज जवान दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक को दोहरा सकती है ,लेकिन यह सब बताकर नहीं किया जाती है। यह बात लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कही। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर यूथ इन एक्शन एवं यूथ आफ मेडिकोज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। परम विशिष्ट सेवा मेडल,अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल विजेता एवं कारगिल युद्ध के नायक दीपेन्द्र सिंह हुड्डा उस समय विशेष रुप से चर्चा में आए ,जब उनके नेतृत्व में सेना की उत्तरी कमांड ने पाकिस्तान में घुसकर 2016 मे सर्जिकल स्ट्राइक को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

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केजीएमयू के कलाम सेन्टर में भारतीय सेना एवं उसकी भूमिका पर बोल रहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने सीमा पर हालात पर बोलते हुए कहा कि इंडियन आर्मी की क्षमता असीमित है। आर्मी पाकिस्तान की प्रत्येक हरकत का दस गुना जवाब दे रही है। वह चाहे शेलिंग का मसला हो या फिर सैनिकों के शहादत का बदला हो सेना के हाथ खुले हुए हैं। इंडियन आर्मी प्रचार में विश्वास नहीं रखती। उन्होंने कहा कि आर्मी के काउंटर कार्यवाईयों से पाकिस्तानी सेना में भय की स्थिति है। उन्होंने सिनेमा हाल में लोगों को सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दे रही फिल्म उरी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल का जबाब देते हुए कहा की फिल्म में सारी सच्चाई तो नहीं दिखायी जा सकती, क्योंकि यह एक बेहद संवेदनशील मसला है।

उन्होंने बताया की देश को नये और अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों की आवश्यकता है, इसलिए रक्षा सौदों को राजनीति से बाहर निकालकर जल्द से जल्द अत्याधुनिक उपकरणों को सेना को मुहैया कराया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीमा पर तनाव के बीच भी सैनिक किस प्रकार अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यूथ इन एक्शन के सचिव डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल विजेता एवं कारगिल युद्ध के नायक दीपेन्द्र सिंह हुड्डा की सैन्य क्षमता की जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि श्री हुड्डा के नेतृत्व में सेना की उत्तरी कमांड ने पाकिस्तान में घुसकर 2016 मे सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।

इस सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा भारत में ही नहीं विदेशों तक हुई। इस अवसर पर श्री हुड्डा ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को याद करते हुए सशस्त्र सेनाबलों के शौर्य और सम्मान को याद किया। उन्होंने अपने विचार को फोटो एवं विडियो के माध्यम से लोगों तक रखा और बताया की किस तरह बेहद कठिन परिस्थितियों में सेना के जवान हमारे देश के सरहदों पर पेट्रोलिंग करते हैं। चाहे वह जम्मू का दुर्गम वन क्षेत्र हो, पाकिस्तानी आतंकवाद से पीड़ित कश्मीर हो या फिर लद्दाख और सियाचीन के बर्फीले क्षेत्र हो। उन्होंने कहा की हमारे सेना के जवान चार-चार महीने तक केवल 8-10 की संख्या में बिना किसी संचार व्यवस्था के -50 डिग्री तापमान में रहते हैं। तब जाकर देश की सीमाओं की सुरक्षा होती है। हम सब यहां आराम से सुरक्षित बैठकर यदि सेना का विरोध व अपमान भी करते हैं तो वह केवल और केवल सेना के त्याग और बलिदान के कारण ही संभव हो सका।

अन्यथा की स्थिति में लोग सुरक्षित नहीं रह पाते। उन्होंने उपस्थित युवाओं को सेना के सकारात्मक कार्यों एवं हर संकट से निपटने की क्षमता को बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एवं यूथ इन एक्शन के राष्ट्रीय संयोजक शतरुद्र प्रताप ने नेताजी के जीवन के मार्मिक प्रसंगों की चर्चा की और बताया की किस तरह से जिन अंग्रेजों ने उनके पढ़ाई पर प्रतिबंध लगाया था। उन्हीं की एडमिनिस्ट्रेटिव परीक्षा में नेताजी ने देश में चौथा स्थान प्राप्त किया, लेकिन फिर भी उन्होंने देश सेवा के लिये उस शानदार नौकरी को छोड़ दी थी। अकेले न केवल पचास हजार की सेना बनायी बल्कि देश के एक बड़े हिस्से को आजाद भी करा लिया।

उन्होंने बताया की जिस महात्मा गांधी ने उनके विरोध में कांग्रेस से अध्यक्ष का उम्मीदवार खड़ा किया और हार का मुंह देखा। वहीं महात्मा गांधी ने 1942 आते आते सुभाष चन्द्र बोस के विचारों को अपना कर करो या मरो का नारा गढ़ दिया। उन्होंने युवाओं को सेना से जुड़ने की अपील की। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि वह भी भारतीय सेना में पांच वर्ष तक कार्यरत रहे इसलिये वह सेना की कठिनाई और परेशानियों को समझते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश की सेना एक समर्थ और सक्षम सेना है जो किसी भी स्थिति से निबटने में सक्षम है।

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