लखनऊ – डिप्लोमा फार्मेसी और बैचलर फार्मेसी के प्रशिक्षुओं को राजकीय चिकित्सालयों में इंटर्नशिप हेतु अब महानिदेशालय के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे, महानिदेशक ने इस संबंध में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, निदेशकों को पत्र जारी कर निर्देश जारी करते हुए अपने स्तर से ही इंटर्नशिप कराने का निर्देश दिया है ।
इस संबंध में राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ उत्तर प्रदेश ने महानिदेशक को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की थी ।
महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि विगत माह डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन द्वारा महानिदेशालय का घेराव किया गया था, जिसमें मीडिया के सामने महानिदेशालय स्तर पर प्रशिक्षुओं को बिना वजह परेशान करने और धनउगाही की शिकायत की गई थी । महानिदेशक ने संज्ञान लेकर कार्यवाही के निर्देश दिए थे ।
श्री यादव ने बताया कि डिप्लोमा फार्मेसी के एजुकेशन रेगुलेशन 1991, बी फार्म एजुकेशन रेगुलेशन 2014 के अनुसार फार्मेसी छात्रों को राजकीय चिकित्सालयो में इंटर्नशिप करनी होती है, इस हेतु मेरे द्वारा फार्मेसी कौंसिल के चेयरमैन के रूप में स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे । पूर्व में सभी जनपदीय अधिकारियों द्वारा अपने स्तर से इंटर्नशिप कराई जाती थी, परंतु 24 जून 2016 को महानिदेशालय से एक परिपत्र जारी कर सभी प्रशिक्षुओं की सूची महानिदेशालय भेजकर अनुमति प्राप्त करने के निर्देश दे दिए गए थे ।
प्रतिवर्ष लगभग 15000 फार्मेसिस्ट फार्मेसी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं जो अपने इंटर्नशिप के लिए लखनऊ दौड़ लगा रहे थे, उन्हें अत्यंत कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा था । महासंघ ने महानिदेशक से तत्काल पूर्व की व्यवस्था बहाल करते हुए लिस्ट लखनऊ भेजने की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की थी । महानिदेशक द्वारा परिधिगत अधिकारियों को पत्र लिखकर 24 जून 16 के आदेश को वापस लेने का डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री के के सचान ने स्वागत किया है । महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार , डीपीए जनपद शाखा के अध्यक्ष जे पी नायक ने महानिदेशक का धन्यवाद दिया है ।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.