लखनऊ। डायपर चयन पर बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट सलाहकार डॉ. श्रीधर गणपति का कहना है कि डायपर चयन का निर्णय भले ही छोटा लगता हो, लेकिन वह निर्णय आपके बच्चे के लिए बहुत मायने रखता है। यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि आपके शिशु को मिलने वाला आराम आपके द्वारा चुने गए डायपर पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे विज्ञान ने प्रगति की आैर सिंथेटिक डिस्पोजेबल डायपर लोकप्रिय होते गये। ये सुविधाजनक के साथ ही असुविधाएं और कमियां भी जुड़ी थीं। क्योंकि नेचुरल चीजों की वापसी हो रही है और कपड़ों से बने उन्नत कि स्स के डायपर लोकप्रिय हो रहे है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक बच्चे द्वारा जन्म से लेकर तीन वर्ष तक औसतन 7,000 डायपरका उपयोग किया जाता है। हर साल लगभग 2.7 करोड़ बच्चे पैदा होते हैं और यदि उनमें से 1ध्5 वें भाग भी डायपर का उपयोग करते हैं तो उनसे पैदा हुआ अपशिष्ट की मात्रा बहुत बड़ी है। इसके अलावा,प्रत्येक डायपर को विघटित करने में 500 से 700 वर्ष लग जाते हैं और वे हमारे पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुंचाने का कारण बन सकते हैं। दूसरी तरफ, कपड़ों से बने डायपर का दोबारा उपयोग होता है और इसे धोया जा सकता है अथवा फेंकने से पहले कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है और इस डायपर के विघटित होने के लिए केवल 70 वर्षही लगते हैं।
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