लखनऊ. राजधानी में सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस धड़ल्ले से चल रही है. राजधानी के सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों के अलावा आस-पास के जनपदों के डॉक्टर भी निजी अस्पतालों में प्रेक्टिस करते हैं. 2 दिन पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जी एस वाजपेई के निर्देश पर डॉक्टरों की टीम ने पुराने लखनऊ में एक आर्थो परी डॉक्टर के क्लीनिक पर छापा मारा था. बताया जाता है क्लीनिक में छापा मारने की कार्रवाई पहले ही लीक हो गई और डॉक्टर और स्टाफ भाग निकला था. स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर मात्र एक कर्मचारी ही मिला था.
छापा मारने के टीम में मौके पर मिले कर्मचारी को ही नोटिस थमा करके कार्यवाही की इतिश्री कर ली थी. मौके पर गई टीम ने नोटिस देकर दूसरे दिन डॉक्टर को सीएमओ कार्यालय तलब किया था . लेकिन कोई सीएम ओ नहीं पहुंचा. बताया जाता है कि आप तो आर्थो पैडिक क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर सरकारी अस्पताल में तैनात हैं. उनके बारे में कहा जाता है कुछ ऐसा समय पहले वहां प्रदेश के जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात रह चुके हैं. इसके अलावा वह वर्तमान में किस जनपद में आर्थोपेडिक डॉक्टर के रूप में तैनात हैं.
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही आगे की कार्रवाई भी शुरू कर दी है बताया जाता है कि दस्तावेज बरामद होने के बाद डॉक्टर की शिकायत शासन स्तर पर की जाएगी. ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.