सीएम ने सुनी फार्मासिस्टों की दिक्कतें, किया जल्द ही निराकरण का वादा

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के फार्मासिस्टों की समस्याओं को लेकर राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ से करीब आधे घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर वार्ता की। महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में हुई वार्ता में स्वास्थ्य सेवाओं में फार्मासिस्टों के पदों का सृजन करना, प्राथमिक उपचार में विधिक अधिकार प्रदान किये जाने पर गहन चर्चा की गयी। इसके अलावा वेतन अन्य मांगों पर भी चर्चा की गयी। वार्ता में मुख्यमंत्री ने जल्द ही मांगों पर साकारात्मक कदम उठाने का वादा किया है।

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महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के प्राविधानों के अनुरूप उपकेन्द्रों पर फार्मेसिस्ट की तैनाती प्राथमिक उपचार का विधिक अधिकार देने वेतन उच्चीकरण मानक में संसोधन सहित विभिन्न मांगों पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया ।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के प्राविधानों के अनुरूप उपकेंद्रों पर प्राथमिक उपचार सुनिश्चित करने राष्ट्रीय कार्यक्रमों को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु उपकेंद्रों पर फार्मेसिस्ट की तैनाती करने डाक्टरों की अनुपस्थिति में फार्मेसिस्ट को चिकित्सा का विधिक अधिकार दिए जाने सहित विभिन्न मांगों पर आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बडोला महामंत्री के के सचान के नेतृत्व में वार्ता सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री ने फार्मेसिस्ट को स्वास्थ्य विभाग का प्रमुख अंग बताते हुए सभी माँगो पर परीक्षण कर सकारात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया ।

प्रतिनिधि मंडल में संघ के प्रवक्ता एवं राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादवए महासंघ के जनपद अध्यक्ष एस एन सिंहए प्रवक्ता अजय पांडेय उपस्थित थे ।

संघ के अध्यक्ष मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उपकेंद्रों पर टीकाकरण और प्रसव सेवाएं सम्पन्न की जाती हैं लेकिन प्राथमिक चिकित्सा नहीं मिल पाती। जिससे गांवो में गरीब जनता को अप्रशिक्षित लोगो से इलाज लेना होता है। उत्तराखंड सरकार द्वारा अपने उपकेंद्रों पर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने सहित विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता एवं मरीजों की कॉउंसलिंग हेतु फार्मेसिस्ट की नियुक्ति कर दी गयी है, जिसके बहुत अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के उपकेंद्रों पर फार्मेसिस्ट की नियुक्ति कर प्रदेश की अधिकांश जनता को प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है ए इससे दवाओं का प्रतिरोधए दवाओं से होने वाले नुकसानए गंभीर बीमारियों का प्रसार कम होगा तथा बाल एवं मातृ मृत्युदर में भी कमी आएगी ।

फार्मेसिस्ट अपनी ड्यूटी लिस्ट के अनुसार चिकित्सकों की अनुपस्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को उपचार दे रहे है,ं लेकिन विधिक अधिकार ना होने से कभी कभी न्यायिक समस्याएं आ जाती हैं। मुख्यमंत्री से यह भी माँग की गई कि फार्मेसिस्टों को प्रिस्क्रिप्शन लिखने का विधिक अधिकार दिए जाने संबंधी शासनादेश निर्गत किये जायें। मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए कहा कि अधिकांश फार्मेसिस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज का उपचार कर रहे हैए फार्मेसिस्ट की योग्यता को देखते हुए माँग पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा ।

इसके अलावा मूल वेतन मात्र 2800 ग्रेड पे पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि समिति के माध्यम से वेतन उच्चीकरण पर विचार किया जाएगा ।

प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य चिकित्सालयों में फार्मेसिस्ट के मानक संसोधित करनेए संवर्ग के पुनर्गठन पर भी मुख्यमंत्री ने सकारात्मक निर्णय करने के लिये आश्वस्त किया ।

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