ब्लैक लिस्टेड कम्पनी को स्वास्थ्य विभाग ने सौपा मानव संसाधन का जिम्मा

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लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में दवा व उपकरणों की आपूर्ति के साथ ही कर्मचारी उपलब्ध कराने में सालों से भ्रष्टाचार का बोल बाला है। मानव संसाधन की आपूर्ति के नाम पर खुलेआम लोगों से ठगी करने वाली कम्पनियों का विभाग में दबदबा कायम है। जबकि पूर्ववतीã सपा सरकार में इन कम्पनियों पर कई गंभीर आरोप लगे और कार्रवाई भी हुईं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से एक बार फिर ऐसी ही ब्लैक लिस्टेड मानव संसाधन आपूर्ति कम्पनी अवनी परिधि प्रा.लि. को पैरामेडिकल आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

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भ्रष्टाचार मुक्त शासन देेने का वादा करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पानी फेर रहे हैं। मानव संसाधन की आपूर्ति का काम करने वाली अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्युनिकेसन प्रा.लि. को बीते साल 31 अक्टूबर को उप्र लघु उद्योग निगम लि. कानपुर से अनुबंध सामाप्त किया कर दिया गया था। जिसके तहत कम्पनी के स्वास्थ्य विभाग समेत प्रदेश् के सभी सरकारी व अर्द्ध सरकारी उपक्रमों से पूर्व मे किए गए अनुबंध स्वास्थ्य विभाग से निरस्त मान लिए गए थे। इसके बावजूद कम्पनी स्वास्थ्य विभाग में काम करती रही।

यह सब कुछ जानने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आवश्यक कदम उठाने के बजाए अवनी परिधि को पनपने का पूरा संरक्षण दिया। जिसके चलते कम्पनी ने बीते मार्च में एक बार फिर से बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिंग की भर्ती निकाल कर हजारों बेरोजगारो का पंजीकरण कर लिया। इस दौरान पंजीकृत अभ्यर्थियों से मोटी रकम का लेनदेन के भी आरोप लग, लेकिन सार्वजनिक तौर किसी अभयर्थी ने इसकी पुष्टि नहीं की।

कम्पनी दफ्तर पर कई बार हुआ हंगामा

अवनी परिधि कम्युनिकेसन प्रा.लि. क राजधानी स्थित सरोजनी नायडू मार्ग के आफिस है। जहां नौकरी देने के नाम पर मानमानी रकम वसूली के नाम पर कई बार हंगामा हुआ। इनमें प्रदेश के विभिन्न जनपदो से आए बेरोजगारों ने अवनी परिधि के आफिस पर प्रदर्शन भी हुए और मामला पुलिस तक पहुृंच चुका है। लेकिन कम्पनी के लोगो की सत्ता मे ऊंची पहुंच के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई।

अवनी परिधि के निदेशक अज्ञात गुप्ता का कहना है कि यूपीएसआईडीसी ने हमारी कम्पनी को अक्टूबर में भले ब्लैक लिस्टेड किया हो, लेकिन हमें रेन्यूवल लेटर 2० मार्च को मिला। जबकि नर्सेज की तैनाती हम 12 मार्च तक कर चुके थे।
-अज्ञात गुप्ता, निदेशक (अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्युनिकेसन प्रा.लि.)

इस बावत जब महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. पदमाकर सिंह से सम्पर्क किया तो कई प्रयास के बाद भी उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

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