लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने इलाज के दौरान मारपीट, लापरवाही का आरोप के अलावा हंगामा किये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यहां पर मरीज अंतिम चरण में आता है, इसके बाद कही आैर ले जाने की स्थिति में नहीं होता है। फिर भी हमारे डाक्टर इलाज करते है आैर कोशिश करते है कि मरीज बच जाए। हम किसी भी स्थित में आये मरीज को रिफ्यूज नहीं कर सकते है। अगर हम रिफ्यूज कर दे तो मरीज कहां जाएगा। पीजीआई, लोहिया संस्थान के अपने अलग मानक है वहां पर भर्ती करने से ही मना कर देते है।
कुलपति ने कहा कि अगर मरीज समय पर इलाज कराने आये तो बेहतर इलाज के साथ सुधार की संभावना रहती है। स्थानीय स्तर के अस्पताल में प्राथमिक इलाज किया जाए आैर कुछ सुधार होने पर रेफर किया जाए तो मरीजों की वेंटिग नही होगी। वहां से मरीज को रेफर किया जाता है आैर मरीज के तीमारदार यहां पर तत्काल इलाज चाहता है। मौत होने पर डाक्टर व रेजीडेंट को इलाज में लापरवाही का आरोप लगाता है। जब कि हम कुछ स्थानों पर एक बिस्तर पर तीन मरीजों को भर्ती करके इलाज दिया जाता है। यहां पर बिना एमसीआई के संस्तुति के बिस्तरों की संख्या भी नहीं बढ़ायी जा सकती है।
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