कृत्रिम मस्तिष्क –
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक न एक दिन कृत्रिम मस्तिष्क शायद मानव मस्तिष्क से अधिक बुद्धिमान हो जाएगा। त्तऊसेन स्थित एकोल पॉलिटेक्निक ‘ब्रेन माइंड इंस्टीट्यूट’ से सम्बन्धित और स्विस रिसर्च टीम के प्रमुख हेनरी मर्करम ने दावा किया है कि सिलिकॉन, सोने और तांबे से बना मस्तिष्क विश्व का पहला कृत्रिम चेतन और बुद्धिमता पूर्ण मस्तिष्क होगा, जो सन् 2048 तक तैयार हो सकता है। यह बनावटी मस्तिष्क सोचने, भावनाओं को व्यक्त करने, याददाश्त को संजोए रखने के साथ-साथ शायद प्यार, गुस्सा, दर्द, दुख और सुख का भी एहसास कर सकेगा मार्करम का कहना है कि यह कृत्रिम मस्तिष्क पागलपन पर विजय पा लेगा और मनुष्य की सूझ-ब्रूझ और सोचने की क्षमता क्रो पहले से बेहतर बनाएगा।
शुरुआत चूहे के मस्तिष्क से की जाएगी। फिर विकास क्रम को निरन्तर आगे बढ़ाते हुए मानव मस्तिष्क की संरचना की जाएगी। इन वैज्ञानिको ने एक ऐसा सपना देखा है, है जिसे साकार करना बेहद कठिन है। क्योंकि मानव मस्तिष्क इंसानी जिस्म का बेहद जटिल हिस्सा है, जो सम्पूर्ण शरीर को कंट्रोल करता है।