लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल रोग विभाग में कैंसर पीड़ित को जूनियर डाक्टरों द्वारा परिजनों से अभद्रता करते हुए बाहर निकाले जाने का आरोप लगा है। पीड़ित तीमारदार गंभीर हालत बेटी को लेकर बाल रोग विभाग की सीढ़ियों पर बैठा रोता रहा आैर परिजन अंदर जूनियर डाक्टरों से भर्ती करने की फरियाद कर रहे थे। वहां पर भर्ती न करने पर लोगों की सलाह पर मरीज को लेकर ट्रामा सेंटर चले गये। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार का कहना है कि उनके पास कोई शिकायत नही आयी है। अगर कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
बहराइच से लकी तिवारी (12) को कैंसर होने की शिकायत पर बेहतर इलाज के लिए केजीएमयू इलाज कराने के लिए आये थे। यहां पर बच्ची को ट्रामा सेंटर के बाल रोग विभाग की इमरजेंसी में भर्ती कराया था। यहां पर कुछ दिन इलाज के बाद हालत में कुछ सुधार होने पर बाल रोग विभाग के वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि कैंसर पीड़ित मरीज का इलाज किया जा रहा था, लेकिन कल से हालत बिगड़ने पर लगातार जांच कराने व दवा बदल – बदल कर मंंगाया जा रहा था ,लेकिन कोई लाभ न होने पर परिजनों का आरोप है कि सुबह हालत ज्यादा बिगड़ने परिजनों ने डाक्टरों से लगातार कई बार अलग- अलग हालत की जानकारी मांगी, डाक्टर लगातार बदल- बदल कर दवा मांग रहे थे, इसके बाद बच्ची की हालत की जानकारी गयी तो तैनात जूनियर डाक्टर भड़क गये आैर कहा कि उसको ब्रोन हेमरेज हो गया है।
परिजनों का आरोप है कि डाक्टरों ने अपने कमरे में बुला कर उनके साथ अभद्रता करते हुए कोरे कागज पर हस्ताक्षर करा दिये आैर मरीज को बाहर निकाल दिया। परिजनों का आरोप है कि कई बार डाक्टरों ने फरियाद की गयी लेकिन कहीं कोई सुनवाई नही हुई। परिजन बेटी को लेकर बाल रोग विभाग के बाहर सीढ़ियों पर ले कर आ गये। अन्य लोग जूनियर डाक्टर से वापस भर्ती करके इलाज करने की गुहार कर रहे थे। बताया जाता है कि कोरे कागज पर हस्ताक्षर करके जबरन ले जाना दर्शा दिया गया जाएगा।