4:00 मिनट में हो जाती है सड़क पर एक मौत

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प्रत्येक चार मिनट में रोड एक्सीडेंट से एक व्यक्ति की मौत होती है। नियमों का पालन न होने के कारण रोड एक्सीडेंट लगातार बढ रहे है। इस पर जागरूकता बढ़ाने के साथ नियमों का पालन करने की आवश्यकता है। यह जानकारी विश्व ट्रामा दिवस पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. संदीप तिवारी ने पत्रकार वार्ता में दी।

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डा. तिवारी ने बताया कि ट्रामा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ रही है। भर्ती होने वालों में रोड एक्सीडेंट के मरीज काफी संख्या में होते है। अगर आकंड़ों को देखा जाए तो चार मिनट में एक व्यक्ति की मौत रोड एक्सीडेंट में होती है। उन्होंने बताया कि रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतों में 90 प्रतिशत की कमी की जा सकती है। अगर कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को ध्यान में रखा जाए। डा. तिवारी ने बताया कि सबसे पहले हाईवे पर स्पीड नियंत्रण रखना चाहिए। आये दिन हाईस्पीड के कारण एक्सीडेंट बढ़े है। इसके बाद शराब पीकर रोड एक्सीडेंट भी काफी होते है। इस पर सख्ती से नियंत्रण करना होगा। डा. तिवारी ने बताया कि अब सबसे ज्यादा लोगों का एक्सीडेंट मोबाइल से बात करने या उस पर खेलने पर से हो रहा है।

वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर ईयर फोन लगाकर बात करते रहते है या चलते हुए कॉल देखने की कोशिश में तेज स्पीड में अनियत्रिंत गाड़ी हो जाती है। सड़क किनारे गलत तरीके से खड़ी गाड़ियों के कारण भी एक्सीडेंट होना बढ़ा कारण है। शहरी क्षेत्र में अनियत्रिंत यातायात भी एक्सीडेंट का कारण है। डा. तिवारी ने कहा कि ट्रामा एक्सीडेंट के बाद प्राथमिक इलाज में तत्काल क्या करना है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि एक्सीडेंट के बाद मरीज अगर बेहोश है तो उसे तत्काल उल्टा लिटाया जाना चाहिए। होश में होने पर सीधा लिटाया जाना चाहिए। खून निकलने पर कपड़ा बांध देना चाहिए ताकि रिसाव कम से कम हो सके। अगर कहीं की हड्डी की टूटी को लकड़ी की खप्प्ची के सहारे बांध दे अगर लकड़ी नही है आैर पैर की हड्डी टूटी है तो दोनों पैर एक साथ बांध दें। इसके बाद निकटतम अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को बुलाये।

डा. तिवारी ने बताया कि विश्व ट्रामा दिवस पर कल ओपीडी में जागरूकता के लिए पम्पलेट बांटे जाएंगे अौर नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया जाएगा।

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