चार दिन आईसीयू में भर्ती किया, फिर जिंदा को मृत घोषित किया

परिजनों ने जांच कर जिंदा पाया आैर सिविल में भर्ती कराया

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लखनऊ। सोमवार को निजी अस्पताल में बिजली करेंट से झुलसे लाइन मैन को चार दिन आईसीयू में इलाज करने के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि परिजनों का आरोप है कि उसकी सांसें चल रही थी। परिजनों ने हंगामा मचाते हुए जब अन्य डॉक्टर से मरीज की जांच करायी तो कराया तो वह जिंदा है। परिजनों ने आनन-फानन में उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।

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हरदई जिला के तिलईया गांव निवासी प्रमोद यादव संडीला पॉवर हॉउस पर लाइन मैन (संविदाकर्मी) के रूप में तैनात है। उनके परिजन धर्मेंद्र यादव ने बताया कि 18 जुलाई क तिलइया गांव में ट्रांसफार्मर फूंक गया था आैर उसे ठीक करने वह गया था। परिजनों के अनुसार प्रमोद ट्रांसफार्मर ठीक कर रहा था, तभी बिजली आ गई। वह झुलस गया आैर नीचे आ गिरा। उसे आनन-फानन में सीएचसी में भर्ती कराया। जहां पर हालत गंभीर बताते हुए लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। यहां हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने उसे कन्वेंशन सेंटर के पास स्थित सुपर स्पेसिलिटी हॉस्पिटल बन्र्स एंड ट्रॉमा सेंटर जाने का परामर्श दिया।

परिजनों का आरोप है चार दिन तक यहां आईसीयू में रखा अौर सोमवार को मृत घोषित कर दिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने जब अन्य डॉक्टर को बुलाकर दिखाया तो उसकी सांसे चल रही थी। इसके बाद प्रमोद को सिविल अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया है। यहां प्रमोद का इलाज चल रहा है।
वही इस बारे में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डाक्टरों ने इलाज बेहतर किया, परन्तु उनके परिजन उन्हें खुद ही डिस्चार्ज करा कर सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया है।

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