लखनऊ । जानकीपुरम स्थित आइकॉन हास्पिटल में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि पहले पैसे से अभाव में मरीज को वेंटिलेण्टर से हटाया गया, इससे उसकी मौत हो गयी आैर अब बकाया बिल न देने को लेकर शव नहीं दिया जा रहा है। यह मामला जब सोशल मीडिया के जरिए प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचा तो आनन-फानन शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
परिजनों के अनुसार पिछले सप्ताह आंधी में पेड़ गिरने से घायल संजय राठौर को परिजनों ने गंम्भीर हालत मेंलाकर आइकॉन हास्पिटल में भर्ती कराया था। जिसकी सूचना मिलते ही संजय की बहन राधा राठौर अस्पताल पहुंची। राधा राठौर के मुताबिक हास्पिटल वाले इलाज के नाम पर लगातार पैसा वसूलते रहे। उन्होंने कहा कि जितनी उनकी हैसियत थी उतना पैसा अस्पताल वालों को दिया गया। लेकिन अंत में पैसा न देने पर डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही करना शुरू कर दिया। जिससे उसकी बुधवार को मौत हो गयी। राधा ने बताया कि अस्पताल वाले मौत के बाद भी हजारों का बिल उसके पास लेकर आये। तो उसने पैसे न होने की बात कही। जिस पर उन्होंने शव देने से इंकार कर दिया। लेकिन मामला प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में आते ही अस्पताल प्रशासन ने शव परिजनों को दे दिया है।