लखनऊ। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में न्यू ओपीडी प्रभारी डा. मनीष बाजपेयी पर कर्मचारी को बंधक बना कर मारपीट करने का आरोप लगा है। कर्मचारी परिषद का आरोप है कि डा. बाजपेई ने कर्मचारी को कमरे में बंद करने बुरी तरह पीटा आैर उसको धमकाते हुए मोबाइल भी छीन लिया। कर्मचारी परिषद ने इसकी शिकायत कुलपति प्रो. एम एल बी भट्ट, कुलसचिव उमेश मिश्रा व प्राक्टर से की। कुलपति ने घटना की जांच के निर्देश देते हुए जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कुलपति ने दिये जांच के निर्देश
कर्मचारी परिषद का आरोप है कि चौकीदार के पद पर चन्द्रेश कुमार न्यू ओपीडी में क्लीनिकल हिमेटोलॉजी विभाग में तैनात है। चन्द्रेश कुमार का आरोप है कि डा. मनीष बाजपेई आये दिन कर्मचारियों को परेशान करते है। उन्होंने दस मई की ओपीडी में हमको अपने कर्मचारी से बुलवाया आैर पैथालॉजी जांच बाहर भेजने का आरोप लगाते हुए पीटना शुरू कर दिया। जब कि चौकीदार होने के नाते जांच कराने या बताने से मेरा कोई मतलब ही नहीं था। उनको यह बताने की कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने एक न सुनी आैर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे नौकरी से निकलवाने की भी धमकी दी आैर मोबाइल फोन भी छीन लिया। इसकी जानकारी जब केजीएमयू कर्मचारी परिषद को हुई जब आक्रोशित हो गये। उन्होंने इसकी शिकायत लिखित रूप से कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट से की। कुलपति ने उन्हें कमेटी बनाकर जांच कराने का आश्वासन दिया है। कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि डा. मनीष बाजपेई पहले भी कई बार कर्मचारियों के साथ अभद्रता व मारपीट कर चुके है। बताते है कि महिला कर्मचारियों से अभद्र तरीके से व्यवहार करते है। उन्होंने बताया कि कुलपति ने डा. मनीष पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो कर्मचारी आंदोलन करेंगे। उधर केजीएमयू के प्रवक्ता डा. नरसिंह वर्मा का कहना है कि डा. बाजपेई ने किसी प्रकार की कोई मारपीट नहीं की है। सिर्फ कर्मचारी को डाटा था। कुलपति ने जांच कमेटी बैठा दी है।