लखनऊ। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशान्त त्रिवेदी ने मीजल्स व रूबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान की धीमी प्रगति को लेकर बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सीएमओ आैर सीएमएस से तीखी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सभी सीएमओ आैर सीएमएस को निर्देश दिया कि वे जिलाधिकारियों के सहयोग से सभी जिलों में 9 माह से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को एमआर टीका अवश्य लगवायें। श्री त्रिवेदी ने बुधवार को यहां योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे प्रदेश के चिन्हित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण कर हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के रूप में विकसित करें।
उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे डीएम के जरिए सभी स्कूलों में एमआर का टीकाकरण अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर को माह जनवरी 2019 तक क्रियाशील कराने के निर्देश दिये। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ उपलब्ध कराया जाय।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने प्रदेश में टीबी रोग से ग्रसित मरीजों को चिन्हित कर उनका समुचित इलाज कराने का निर्देश दिया। साथ ही ऐसे मरीजों के बैंक खाते में निर्धारित धनराशि उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया है।
श्री त्रिवेदी ने मेडिकल वेस्ट मैनेजमेन्ट को गम्भीरता से लेते हुए सभी मुख्य चिकित्साधिकारी को जिले के अस्पतालों में इसकी व्यवस्था प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने को कहा। इस सम्बन्ध में निर्धारित गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाय।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंकज कुमार, प्रबन्ध निदेशक मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन श्रीमती श्रुति सिंह, विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नीरज शुक्ला सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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